IFORHER
  • MOTIVATION
    • Everyday Heroes
  • RELATIONSHIPS
  • LIFE
    • Movies & TV
    • Fashion, Beauty & Style
    • Festivals & Celebration
    • Fun & Humor
    • Astrology & Zodiac
    • DIY & Hobby Ideas
  • ENTERTAINMENT
    • Entertainment News
    • Celeb News
  • QUIZ
  • HOROSCOPE
  • QUOTES
No Result
View All Result
IFORHER
Home > मोटिवेशन

अभी न पर्दा गिराओ, ठहरो , कि दास्तां आगे और भी है! – गुलज़ार की बेहतरीन हिंदी कविता मुश्किल पलों के लिए

by IForHer Team
June 1, 2019

अभी न पर्दा गिराओ, ठहरो , कि दास्तां आगे और भी है!

अभी न पर्दा गिराओ, ठहरो, कि दास्ताँ आगे और भी है

अभी न पर्दा गिराओ, ठहरो!

अभी तो टूटी है कच्ची मिट्टी, अभी तो बस जिस्म ही गिरे हैं

अभी तो किरदार ही बुझे हैं.

अभी सुलगते हैं रूह के ग़म, अभी धड़कते हैं दर्द दिल के

अभी तो एहसास जी रहा है.

यह लौ बचा लो जो थक के किरदार की हथेली से गिर पड़ी है.

यह लौ बचा लो यहीं से उठेगी जुस्तजू फिर बगूला बनकर,

यहीं से उठेगा कोई किरदार फिर इसी रोशनी को लेकर,

कहीं तो अंजाम-ओ-जुस्तजू के सिरे मिलेंगे,

अभी न पर्दा गिराओ, ठहरो!

गुलज़ार ने अभी न पर्दा गिराओ, ठहरो , कि दास्तां आगे और भी है! कविता के साथ साथ और भी बहुत सी दिल को छू जाने वाली रचनाएँ भी की हैं, उनकी और कवितायेँ आप इस लिंक  – Gulzar – पर पढ़ सकते हैं।

  • MOTIVATION
  • RELATIONSHIPS
  • LIFE
  • ENTERTAINMENT
  • QUIZ
  • HOROSCOPE
  • QUOTES
Contact Us: shareyourstory@iforher.com

© 2024 IFORHER Digital Pvt. Ltd. | Women's Entertainment & Lifestyle Platform | About Us | Privacy Policy

No Result
View All Result
  • IFORHER
  • QUIZ
  • ENTERTAINMENT
  • MOVIES & TV
  • ASTROLOGY
  • QUOTES
  • HOROSCOPE
  • FASHION & BEAUTY
  • JOKES & RIDDLES
  • MOTIVATION
  • RELATIONSHIPS
  • HOBBY IDEAS
This website uses cookies. By continuing to use this website you are giving consent to cookies being used.