आज गीतकार प्रदीप का गाना बहुत याद आ रहा है – “आज के इस इन्सान को ये क्या हो गया ,इसका पुराना प्यार कहाँ पर खो गया”
जब हमारा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है ऐसे में हम अपने असली नायकों (Real Hero) के साथ जो व्यवहार कर रहे हैं उससे दिल छलनी हो रहा है। डाक्टरों से उनका घर खाली करवा रहे हैं, एयरपोर्ट स्टाफ और उनके परिवार वालों पर कोरोना वायरस फैलाने का दोष लगा रहे हैं। ये नायक अपनी जान की परवाह किये बिना हमारी जिंदगियाँ
बचाने में लगे है। लेकिन हमारे समाज के कुछ लोग इन्हे प्रताड़ित करने में लगे है।
आयुष्मान खुराना ने एक ऐसी मार्मिक कविता शेयर की जिसमें उन्होंने एक दिहाड़ी मजदूर की व्यथा का वर्णन किया, उन्होनें सभी स्वास्थ्य कर्मियों ,पुलिस और कई अन्य सेवाओं में लगे लोग ,जो बिना थके कोरोना वायरस के सक्रंमण से लड़ने में लगे हुए हैं का शुक्रिया अदा किया।
This is for all the Frontline Warriors ~ fighting for us, saving us, risking their lives for us and our families against coronavirus!
Have written these words to express my gratitude.I salute you.
India salutes you.
Jai Hind! ???????????? pic.twitter.com/tmKVVNIjmw— Ayushmann Khurrana (@ayushmannk) April 10, 2020
“वो सामने वाली बिल्डिंग कुछ दिन पहले सील हो गई,
तबसे आस पड़ोस के लोगों की जिन्दगी थोड़ी तब्दील हो गई,
उसी बिल्डिंग के नीचे ली दुकान से तो घर का समान आता था।
और बीमारी के बारे में कुछ दिन पहले बता देते तो क्या जाता था।आज हम डरे हुए है ,जीवित है पर मरे हुए है,
आज लगता है काश करदे, सब कुछ ठीक दुनिया को करके rewind ,
believe me this is nothing but this is
collective karma of Humankindसलाम है उसको जो सड़के साफ़ करता है,
जो कचरा लेकर जाता है,घर का सामान लेकर आता है
और फिर अपने घर जाता है,
पर हमने उसको वो इज़्जत दी ही नहीं,
हम पैसे वाले है हमारे बाप का क्या जाता है।वो बेचारा डरता है कि कोरोना वायरस उसके
परिवार को ना हो जाये ।
वो अपने बच्चे को छू नहीं पाता है ।
ये अमीर गरीब का इंसानियत से परे का नाता है।इस देश को गरीब ही चलाता था,
गरीब ही चलाएगा,
हमें समय की सब सुविधाएँ
गरीब ही दिलाएगा।अब जब ये सब ठीक हो जायेगा ना
तो इन लोगों को इज़्ज़त देना ।
कोई काम छोटा नहीं होता
ये बात अपने पल्ले बाँध लेना।आज डॉक्टर ,नर्सेस ,पुलिस, हमारे सिक्योरिटी गार्ड
सबसे ज्यादा है काम के ,
और मुझ जैसे बॉलीवुड हीरो बस है नाम के।हम बस पैसे दे सकते है,
हथियार दे सकते है,
बस लड़ना उनको है।
उन्ही को सब कुछ सहना है बस
हमें तो बस घर पर रहना है ,
हम को तो सिर्फ घर पर रहना है।”