हम हर साल मई के दूसरे रविवार को ‘मदर्स –डे’ मनाते हैं। पर क्या आप ‘मदर्स–डे’ मनाने की कहानी जानते है? कुछ देश ऐसे भी हैं जो इस दिन को ईस्टर (Easter) के साथ मनाते है।
आज इस लेख से हम आपको बताना चाहते हैं कि ‘मदर्स-डे’ मनाने का प्रचलन कैसे शुरू हुआ ?
इस दिन हम अपनी माताओं को सम्मानित करते हैं। इस वर्ष, हम 10 मई को ‘मदर्स-डे’ मनाएंगें। पर यह दिन इस बार अन्य दिनों से अलग होगा क्योंकि कोरोना के कारण हम lock down में हैं। हम अपनी माँ को मिल न सकेंगे, उनके साथ वक़्त गुजार नहीं सकेंगे। अब तो video chat ही एक मात्र साधन हैं जब हम माँ से chat कर सकेंगे।
क्या आप जानते हैं पहला ‘मदर्स-डे’ 1908 में मनाया गया था जब एक स्कूल टीचर एना जार्विस (Anna Jarvis) ने अपनी माँ की याद में वर्जीनिया के ग्राफटन के सेंट एंड्रयूज मेथोडिस्ट चर्च (St. Andrew’s Methodist Church in Grafton, West Virginia) में एक “सेवा सभा” का आयोजन किया था। उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका में ‘मदर्स-डे’ को अवकाश के रूप में स्वीकार करने का दबाव डाला।
एना की माँ, रीव्स जार्विस (Reeves Jarvis) का 1905 में निधन हो गया था। अमरिकी गृहयुद्ध के दौरान उन्होंने ‘मदर्स-डे’ क्लब बनाया जो घायल सैनिकों को स्वास्थ्य के मुद्दों पर सम्बोधित करता था।
एना ने नौ साल तक ‘मदर्स-डे’ का प्रचार (campaign) चलाया। लम्बे समय के बाद पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन (Woodrow Wilson) ने एक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए और मई के दूसरे रविवार को एक राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया ,जिसे ‘मदर्स -डे’ के रूप में मनाया जाएगा।
कई कार्ड कंपनियों ने प्रिंटेड कार्ड (Printed Cards) बेचना शुरू कर दिए। एना ‘मदर्स-डे’ के व्यवसायीकरण के सख्त खिलाफ थी। एना का मानना था कि क्या बच्चों के पास कार्ड तैयार करने का समय नहीं हैं, क्या उनको अपने आप कार्ड बना कर नहीं देना चाहिए, क्या अब बच्चे Printed Cards उपहार में देंगे।
एना का कहना था कि Printed Cards का मतलब है कि आप इतने आलसी हैं कि उस महिला के लिए कुछ लिखने का भी समय नहीं निकाल सकते, जिसने दुनिया में सबसे अधिक प्यार और त्याग आप के लिए किया है। आप माँ के लिए एक candy box ले जाएंगे और फिर उसमें ज्यादातर खुद खा जाएंगे।वाह क्या कहने आपके sentiments के!!
बाद में एना ने ‘मदर्स-डे’ का बहिष्कार करने को कहा और मुनाफा कमाने वाली companies को चेतावनी दी कि वो उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही करेगी।उनके इन प्रयासों के कारण उन्हें शांति भंग करने के लिए गिरफ्तार किया गया। पहले ‘मदर्स-डे’ को मनाने के लिए वह जिस सेवा भावना का इस्तेमाल करती थी, अब उसके साथ लाभ कमाने वाली कम्पनियाँ जुड़ गई। और इस दिन के concept का पूरी तरह से व्यवसायीकरण हो गया।
एना जार्विस (Anna Jarvis) जो चाहती थी वह कभी न हो पाया। 1948 में एना जार्विस (Anna Jarvis) की मृत्यु हो गई।
कुछ देशों ने एना जार्विस (Anna Jarvis) के concept को अपनाया भी यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) और ग्रीस (Greece) इसे अलग-अलग तारीखों पर अलग-अलग तरह से मनाते है।
U .K. में यह Easter Day से तीन हफ्ते पहले मनाया जाता है। U.K. में इसे “Mothering Sunday ” कहते है। यूनाइटेड किंगडम में इस दिन लोग अपनी माँ से नहीं अपने mother church को visit करते हैं। इस दिन domestic help को भी day off देते है ताकि वो अपनी family के साथ ‘mother church’ में worship कर सकें।
रशिया (Russia) जैसे कुछ देशों ने ‘मदर्स-डे’ और अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस एक साथ मनाना शुरू किया।
आज हमें भी एना को अपना मार्गदर्शक बनाना है और मदर्स-डे पे अपनी माँ को प्यार , समय और सेवा का गिफ़्ट दें!